देहरादून: यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा से पहले उत्तराखंड पुलिन ने बड़ा एक्शन लिया है. उत्तराखंड एसटीएफ और देहरादून पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में नकल गिरोह के सरगना हाकम सिंह और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता और आईजी नीलेश आनंद भरणे ने ये जानकारी दी है.
आईजी भरणे ने बताया कि सुबह से ही गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी. सरगना आगामी परीक्षा में नकल कराने के लिए छह अभ्यर्थियों से 15-15 लाख रुपये की मांग कर रहा था. इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसटीएफ और देहरादून पुलिस ने जाल बिछाया और गिरोह के सरगना और उसके सहयोगी को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया. मास्टरमाइंड हाकम सिंह पहले भी इसी तरह के धोखाधड़ी के मामलों में जेल जा चुका है.
वहीं आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर और देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि आरोपियों यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा को पास कराने का प्रलोभन देकर अभ्यर्थियों से 12 से 15 लाख रुपए की मांग की थी. आरोपियों ने बड़े ही शातिर तरीके से अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाया था. यदि अभ्यर्थियों का खुद चयन हो जाता तो वो पैसे वो खुद हड़प लेते. वहीं अगर अभ्यर्थी परीक्षा में सफल नहीं होते तो आगे की परीक्षा में पैसों को एडजस्ट करने के नाम पर अपने झांसे में लेने की योजना थी. पूरे मामले की जांच में परीक्षा की सुचिता और गोपनीयता भंग होने का कोई संशय नहीं हैं.
बता दें कि 21 सितंबर को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तरफ से अलग-अलग विभागों की स्नातक स्तरीय पदों के लिए लिखित प्रतियोगी परीक्षा आयोजित कराई जा रही है. परीक्षा में नकल माफियाओं के सक्रिय होने की आशंका को देखते हुए पुलिस पहले से ही अलर्ट थी. देहरादून पुलिस और एसटीएफ संयुक्त रूप से संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रख रही थी. इस दौरान पुलिस को दो दिन पहले ही गोपनीय सूचना मिली कि परीक्षा के लिए कुछ लोगों बड़ा खेल करने की तैयारी में है.
आईजी भरणे ने बताया कि सुबह से ही गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी. सरगना आगामी परीक्षा में नकल कराने के लिए छह अभ्यर्थियों से 15-15 लाख रुपये की मांग कर रहा था. इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसटीएफ और देहरादून पुलिस ने जाल बिछाया और गिरोह के सरगना और उसके सहयोगी को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया. मास्टरमाइंड हाकम सिंह पहले भी इसी तरह के धोखाधड़ी के मामलों में जेल जा चुका है.
वहीं आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर और देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि आरोपियों यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा को पास कराने का प्रलोभन देकर अभ्यर्थियों से 12 से 15 लाख रुपए की मांग की थी. आरोपियों ने बड़े ही शातिर तरीके से अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाया था. यदि अभ्यर्थियों का खुद चयन हो जाता तो वो पैसे वो खुद हड़प लेते. वहीं अगर अभ्यर्थी परीक्षा में सफल नहीं होते तो आगे की परीक्षा में पैसों को एडजस्ट करने के नाम पर अपने झांसे में लेने की योजना थी. पूरे मामले की जांच में परीक्षा की सुचिता और गोपनीयता भंग होने का कोई संशय नहीं हैं.
बता दें कि 21 सितंबर को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तरफ से अलग-अलग विभागों की स्नातक स्तरीय पदों के लिए लिखित प्रतियोगी परीक्षा आयोजित कराई जा रही है. परीक्षा में नकल माफियाओं के सक्रिय होने की आशंका को देखते हुए पुलिस पहले से ही अलर्ट थी. देहरादून पुलिस और एसटीएफ संयुक्त रूप से संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रख रही थी. इस दौरान पुलिस को दो दिन पहले ही गोपनीय सूचना मिली कि परीक्षा के लिए कुछ लोगों बड़ा खेल करने की तैयारी में है.
News Source : ETVbharat.com