पंतनगर। 26 अगस्त 2025। आईसीएआर के भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल और राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर द्वारा संयुक्त रूप से 25-27 अगस्त, 2025 के मध्य ग्वालियर में आयोजित 64वीं अखिल भारतीय गेहूं एवं जौ शोधकर्ताओं की वार्षिक गोष्ठी में वैज्ञानिकों द्वारा जौ की किस्म यू पी बी 1106 (पंत जौ 1106) को विकसित करने के लिए मध्य प्रदेश के कृषक कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री अदेल सिंह कंसाना और सचिव डेयर एवं महानिदेशक, डा. एम.एल. जाट, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली की उपस्थिति में भारत सरकार के कृषि एवं कृषि कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के गेहूं एवं जौ के वैज्ञानिकों क्रमशः डा. जय प्रकाश जायसवाल, डा. स्वाति, डा. अनिल कुमार, डा. राजीव एवं डा. दीपशिखा को प्रतीक चिह्न और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

गेहूं और जौ शोध के परियोजना समन्वयक डा. जय प्रकाश जायसवाल ने बताया कि अनाज के लिए पंत जौ 1106 छह पंक्ति वाली उच्च उत्पादन क्षमता वाली किस्म है। इस प्रजाति को विकसित करने में 12 वर्ष का समय लगा है। जौ की यह किस्म केंद्रीय प्रजाति विमोचन समिति द्वारा भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों, जिसमे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, आसाम और उत्तर पूर्वी पर्वतीय राज्यों में समय से सिंचित दशा में बुआई के लिए अनुमोदित की गई है। इस प्रजाति की औसत उपज 44.57 कुंतल प्रति हेक्टेयर और उपज क्षमता 74.93 कुंतल प्रति हेक्टेयर है। इस समय डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए जौ का सेवन रामबाण की तरह है। बाजार में बिक रहे मल्टीग्रेन में जौ एक मुख्य इंग्रीडिएंट है। जौ का सेवन एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस उपलब्धि पर पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान, निदेशक शोध डा. ए.एस. नैन और अधिष्ठाता कृषि डा. सुभाष चंद्र ने सभी वैज्ञानिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।