देहरादून, 24 अगस्त। हाल ही में कई लोगों को ईमेल और व्हाट्सऐप के जरिए ऐसे दस्तावेज़ मिले हैं जिनमें “इंटेलिजेंस ब्यूरो, सीबीआई और साइबर सेल” के नाम से रंगीन लोगो और नकली सील लगी हुई है। इन नोटिस में नागरिकों को पॉर्नोग्राफी, बाल अश्लीलता (Child Pornography) और अन्य साइबर अपराधों में लिप्त बताकर तत्काल जवाब देने और कार्रवाई की धमकी दी जा रही है।

साइबर विशेषज्ञों के अनुसार यह दस्तावेज़ पूरी तरह से फर्जी (Fake) है। भारत में यदि किसी पर पॉर्नोग्राफी या साइबर अपराध से जुड़ा मामला बनता है तो उसका नोटिस/समन सिर्फ संबंधित पुलिस थाना या अदालत से जारी होता है, न कि किसी ईमेल या पीडीएफ के माध्यम से।
विशेषज्ञों की सलाह:
- ऐसे फर्जी नोटिस को देखकर घबराएं नहीं।
- किसी भी लिंक/अटैचमेंट पर क्लिक न करें और अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
- यदि ऐसा नोटिस मिले तो इसकी शिकायत राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर दर्ज करें या हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
जनता से अपील है कि फर्जी नोटिसों और पॉर्नोग्राफी के नाम पर होने वाली ठगी से सतर्क रहें और समय पर शिकायत दर्ज करके साइबर अपराधियों को बेनकाब करें।