पन्तनगर। 12वीं अंतर्राष्ट्रीय रेंजलैंड कांग्रेस का आयोजन 2 से 6 जून 2025 के बीच ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में किया गया। यह कार्यक्रम चरवाहों के लिए एक महत्वपूर्ण था क्योंकि इस कांग्रेस का विषय हमारे वैश्विक रेंजलैंड भविष्य के लिए मिलकर काम करना है। पंतनगर कृषि महाविद्यालय के सस्य विभाग में कार्यरत प्राध्यापक महेन्द्र सिंह पाल ने इस महत्वपूर्ण कांग्रेस में प्रतिभाग किया और दो शोध पत्र प्रस्तुत किए, 1- भारत के हिमालय की तलहटी में टिकाऊ पशुधन उत्पादन के लिए जिंक और आयरन जैव-प्रबलीकरण और चारा मक्का और ज्वार पर इसका प्रभाव एवं 2-उत्तरी हिमालय में चारा उत्पादकता और ज्वार (सोरघम बाइकलर एल.) के इथेनॉल उत्पादन के लिए सबसॉइल जुताई और नाइट्रोजन दरों को अनुकूलित करना। इन शोध पत्रों की वैश्विक वैज्ञानिकों ने काफी सराहना की और इन पर गहन अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया।

इस कांग्रेस में लगभग 42 देशों के 725 वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया। कांग्रेस के मध्य में आयोजित रेंजलैंड भ्रमण में वैज्ञानिकों के साथ चर्चा से रेंजलैंड इकोलॉजी समझने में मदद मिली। डा. पाल इससे पहले भी कई अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों जैसे पाकिस्तान, थाईलैंड, चीन, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, श्रीलंका आदि में अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं।