आधार शून्य विश्वास और प्रेम के बीच कई ऐसी महत्वपूर्ण कड़ियाँ हैं जो रिश्तों को मज़बूत बनाती हैं। मानवीय मूल्यों पर आधारित रिश्तों को संजोने की दृष्टी से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मानवीय मूल्यों को अपनाकर समग्र विकास की दिशा में कदम बढ़ाने पर मंथन किया गया।
मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी (DBUU) में आल इंडिया काउन्सिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के सहयोग से मानवीय मूल्यों पर प्रकाश डालते तीन दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस दौरान विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर गौरव मिश्रा ने कहा कि सुख और समृद्धि को प्राप्त करने के लिए हमें मानवीय मूल्यों पर आधारित व्यवस्थाओं में जीना होगा। साथ ही, समाज और परिवार में सामंजस्य का दामन थामे आगे बढ़ना होगा, तभी रिश्ता बिना गाँठ पड़े मज़बूती के साथ आगे बढ़ता है। ये तभी संभव है जब हम आत्म विश्लेषण करें और आत्म संयम बरतें।
उन्होंने कहा कि विश्वास की कसौटी पर खरा उतरकर प्रेम हासिल किया जा सकता है, लेकिन प्रेम और विश्वास के बीच भी सम्मान, स्नेह, ममता, वात्सल्य, श्रद्धा, गौरव, कृतज्ञता जैसी महत्वपूर्ण कड़ियों से होकर गुज़रना पड़ता है। इसलिए एक शिक्षक को मानवीय मूल्यों पर चलना आवश्यक है ताकि शिक्षक के समग्र विकास के साथ ही उसकी सीख शिष्य को एक बेहतर इंसान बनाने में सहायक सिद्ध हो सके। विशेषज्ञ सुमित माहेश्वरी ने कहा कि आज के समय में रिश्तों की मज़बूती पैसे तय कर रहे हैं। लेकिन, ये भ्रम मात्र है। क्योंकि पैसों से बना रिश्ता बिखर जाता है, जबकि मानवीय मूल्यों से बने रिश्ते मूल्यवान मोती की तरह जीवन को जगमग करते हैं। विशेषज्ञ संतोषी शाह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस दौरान प्रश्नोत्तर चरण में शिक्षकों ने भी अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया।
कार्यक्रम का संयोजन मानवी चोपड़ा, अशुवेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम में कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल, उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, डीन एकेडमिक्स डॉ संदीप शर्मा सहित विभिन्न शिक्षकगण उपस्थित रहे।