Retail
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय
No Result
View All Result
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय
No Result
View All Result
Devbhoomisamiksha Logo
No Result
View All Result

रजोनिवृत्ति हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकती है, कह रहे हैं होम्योपैथी के डॉक्टर

by Rajendra Joshi
March 10, 2024
in स्वास्थ्य
0
-

देहरादून-10 मार्च- रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) महिला के Dr. Kalyan Banerjee Clinic मासिक धर्म चक्र की समाप्ति को चिह्नित करने वाली एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, और इसे रजोनिवृत्ति से गुजर रही महिलाओं में हृदय रोगों के बढ़ते जोखिम से जोड़ा जा सकता है- यह कहना है डॉ. कल्याण बनर्जी क्लिनिक के वरिष्ठ होम्योपैथ डॉ. कुशल बनर्जी का। रजोनिवृत्ति एक परिवर्तनकारी चरण होता है, जो आमतौर पर महिलाओं में उनकी उम्र के 40 वाले दशक की समाप्ति या 50 के दशक की शुरुआत के बीच घटित होता है। यह अंडाणु उत्सर्जन के अंत और हार्मोन उत्पादन, खासकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में गिरावट का संकेत देता है।

थोड़ी जागरूकता बढ़ने के बावजूद, हृदय रोग को अभी भी मुख्य रूप से पुरुषों की बीमारी के रूप में देखा जाता है। यह जानना बेहद जरूरी है कि हृदय रोग कई देशों में महिलाओं की मृत्यु का प्रमुख कारण बन चुका है। स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बनाने के मामले में लैंगिक असमानता एक वैश्विक परिघटना है और यह भारत तक ही सीमित नहीं है। हाल के शोध पत्रों से पता चलता है कि हृदय संबंधी समस्याओं को लेकर अस्पताल जाने वाले दो-तिहाई रोगी पुरुष थे। समान आयु वर्ग की लड़कियों के मुकाबले लगभग दोगुना लड़कों को अस्पताल लाया जाता है। अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि रोगी के निवास स्थान से देखभाल केंद्र जितनी दूर होंगे, बीमार महिलाओं के वहां पहुंचने की संभावना उतनी ही कम होगी।

Dr. Kalyan Banerjee Clinic

डॉ. कुशल बनर्जी बताते हैं- “रजोनिवृत्ति एक प्राकृतिक परिघटना है और इस तक पहुंच जाने का मतलब यह नहीं होता कि बीमारियां अपने आप प्रकट हो जाएंगी। हालांकि, रजोनिवृत्ति के साथ-साथ शरीर में कुछ बदलाव भी होते जाते हैं जो हृदय रोग सहित अन्य बीमारियां होने का खतरा बढ़ा सकते हैं। होम्योपैथी, रोगी की समस्याओं के आधार पर चयापचय (मेटाबॉलिज्म) बढ़ाने, वजन घटाने, रक्त शर्करा (ब्लड सुगर) के स्तर को कम करने, रक्तसंचार बढ़ाने या उसे बेहतर बनाने सहित कई अन्य चीजों में मदद कर सकती है – ये सभी चीजें धड़कन रुकने (कार्डियक अरेस्ट) जैसी हृदय की गंभीर बीमारियों को नियंत्रित करने में बेहद अहम भूमिका निभाती हैं। यह याद रखना चाहिए कि ये बदलाव केवल आहार, व्यायाम और जीवनशैली से जुड़े अन्य पहलुओं में सुधार करने के साथ ही घटित होते हैं।“

हृदय रोग से पीड़ित महिलाओं में अक्सर पुरुषों जैसी जीवनशैली के अमल देखे जा सकते हैं, जैसे अनियमित भोजन, व्यायाम की कमी, नींद में खलल और मानसिक तनाव। जोखिम के इन साझा कारणों का समाधान करना और हृदय के स्वास्थ्य को लेकर महिलाओं की जागरूकता बढ़ाना, इस व्यापक और अक्सर कम आंके जाने वाले खतरे से निपटने की दिशा में आवश्यक कदम हैं।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डॉ. बनर्जी ने कहा- “होम्योपैथी हृदय रोग की रोकथाम और उसे प्रबंधित करने में अहम भूमिका निभाती है। विवेकपूर्ण और समय पर जांच, हृदय रोग के शुरुआती लक्षणों या जोखिम के कारकों का संकेत दे सकती है, तथा खास किस्म की दवाएं खाकर और जीवनशैली में परिवर्तन करके हृदय संबंधी हर घटना को घटित होने से रोका जा सकता है। एकोनाइट व अर्निका, उच्च रक्तचाप नियंत्रण की दो अत्यंत महत्वपूर्ण होम्योपैथिक दवाएं हैं और इन्होंने दुनिया भर में हजारों रोगियों की हृदय संबंधी घटनाओं को घटित होने से रोका है। होम्योपैथिक पद्धतियों के कोरोनरी धमनी रोग प्रोटोकॉल ने इस स्थिति वाले मामलों को संभाला है और कुछ मामलों में तो स्टेंट या कार्डियक बाईपास सर्जरी तक को रोक दिया है, बशर्ते जीवनशैली में बदलाव करके इन प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। इसके अतिरिक्त, कैल्क कार्ब, सेपिया, लिलियम टिग्लिनम जैसी विशिष्ट दवाओं के बारे में पता चला है कि वे मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं की हृदय संबंधी बीमारियों में विशेष लाभ प्रदान करती हैं।“

डॉ. बनर्जी ने सचेत किया कि जो रोगी पहले से ही एंटी-हाइपरटेन्सिव चीजें और मधुमेह जैसी बीमारियों की दीर्घकालिक दवाएं खा रहे हैं, उन्हें अचानक इन औषधियों को बंद कर देने की सलाह नहीं दी जानी चाहिए। हृदय रोग से पीड़ित महिलाओं के लिए होम्योपैथी को धीरे-धीरे शुरू किया जा सकता है और यदि पैमानों में सुधार दिखाई देना शुरू हो, तो पारंपरिक दवाओं को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है। कुछ मामलों में, एलोपैथिक दवाओं की ऊंची खुराक के बावजूद रक्तचाप ऊंचा बना रहता है। होम्योपैथिक दवाएं शुरू करने से असर बढ़ सकता है और पैमानों को घटाने में मदद मिलती है। रक्त पतला करने वाली कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव, गुर्दे और यकृत रोग जैसी कई बीमारियों की मौजूदगी, रोगी को चंद एलोपैथिक दवाएं खाने की इजाजत नहीं देती। इन मामलों में, कोई अन्य विकल्प न बचने पर होम्योपैथी दरअसल रोगी को उसकी बीमारी का प्रबंधन करने में मदद करती है ।

होम्योपैथी की दुनिया में, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अलग तरह से प्रभावित करने वाली बीमारियों की अंदरूनी समझ लंबे समय से मौजूद रही है। महिलाओं के स्वास्थ्य, खासकर हृदय की तंदुरुस्ती पर ध्यान केंद्रित करने वाले शोध और प्रकाशन, महिला शरीर-विज्ञान के अनूठे पहलू उजागर करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। यह समर्पित खोज न केवल होम्योपैथी के साहित्य को समृद्ध करती है, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य की समझ को निखारने और सभी आयु समूहों की खास जरूरतों से जुड़े कारगर उपचार तैयार करने के निरंतर प्रयासों का एक वसीयतनामा भी बन जाती है।

Tags: Dr. Kalyan Banerjee Clinic

Related Posts

dr jagdish joshi
स्वास्थ्य

सड़क किनारे कराह रही गर्भवती महिला के लिए देवदूत बने डॉ. जगदीश जोशी, सुरक्षित कराया प्रसव

Dehradun Covid19 Update
स्वास्थ्य

Uttarakhand : कोविड-19 को लेकर धामी सरकार ने जारी की एडवाइजरी

-
स्वास्थ्य

हल्द्वानी : मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया ने की, कई परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा

-
स्वास्थ्य

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में चार दिवसीय लाइव योगाभ्यास का प्रसारण

Load More
Next Post
-

हिमालयी बेल्ट को विकसित करने का जो सपना प्रधानमंत्री का था वह साकार हो रहा है : मंत्री गणेश जोशी।

Like Us

Facebook New 01

Web Stories

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024
उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।
उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।
Author: Rajendra Joshi
Website: Devbhoomisamiksha.com
Email: info@devbhoomisamiksha.com
Contact: +91-9456762615
AppstoreiOS 1 E1725977117558
AppstoreAndroid 1
  • About
  • Contact Us
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© 2024 Dev Bhoomi Samiksha All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय

© 2024 Dev Bhoomi Samiksha All Rights Reserved

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।