देहरादून। आज सुबह एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचाया गया। बचावकर्मी वॉकी-टॉकी के माध्यम से फंसे हुए श्रमिकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। गत दिवस मजदूरों की स्थिति देखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, पर अंदर धूल होने से तस्वीरें साफ नहीं आ पाईं। अब दिल्ली से एंडोस्कोपिक कैमरे मंगाए गए थे जिन्हें आज मंगलवार को पाइप से भीतर पहुंचाया गया। इस दौरान कैमरे से टनल के भीतर फंसे हुए सभी 41 मजदूर दिखाई दिए। सभी सुरक्षित हैं।
उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज एक ट्वीट कर कैमरे के सुरंग में भेजे जाने की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट मे बताया की सिल्क्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों की पहली बार तस्वीर प्राप्त हुई है। सभी श्रमिक भाई पूरी तरह सुरक्षित हैं, हम उन्हें शीघ्र सकुशल बाहर निकालने हेतु पूरी ताक़त के साथ प्रयासरत हैं। सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के लिए रात खिचड़ी भेजी गई थी। वहीं अब आज उनके लिए नाश्ता तैयार कर उन्हें छह इंच के नए फूड पाइप से भेजा गया। टनल में फंसे मजदूरों को फल संतरे भेजे गए। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को आज छह इंच के पाइप से फल भेजे गए हैं। अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों का कहना है कि उन्हें खुशी है कि अंदर फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं और उन्हें आज दसवें दिन फल भेजे गए हैं। वहीं, परिजनों ने श्रमिक से बात भी की।ड्रिलिंग के लिए लगाई गई पुरानी ऑगर मशीन को फिर से शुरू किया गया है। इससे अब पांचवें पाइप को आगे बढ़ाया जा रहा है। मशीन चलाते हुए भीतर अभी भी कम्पन्न महसूस हो रही है। इसलिए केवल केवल जरूरी ऑपरेटर और विशेषज्ञ ही सुरंग के अंदर हैं। सीएम धामी ने कहा कि सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतर्गत छह इंच व्यास की पाइप मलबे के आर-पार किए जाने से श्रमिकों तक भोजन के साथ ही अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई जा रही है। इस संबंध में आदरणीय प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन एवं सहयोग भी हमें निरंतर प्राप्त हो रहा है। हमारी सरकार सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को फोन कर सिलक्यारा में चल रहे बचाव कार्यों का फीडबैक लिया। कहा, केंद्र द्वारा आवश्यक उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। वहीं, सीएम धामी ने उन्हें श्रमिकों से एंडोस्कोपिक कैमरे की मदद से हुई बातचीत एवं उनकी कुशलता की जानकारी भी दी।
टनल के भीतर रात तीन बजे छह इंच की पाइप लाइन ब्लॉक हुई थी, जिसे फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने पानी के प्रेशर से साफ किया। इसके बाद ही कैमरा अंदर जा पाया।
भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल, उत्तराखंड पुलिस, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, लार्सन एंड टूब्रो, टीएचडीसी, आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, ओएनजीसी, आईटीबीपी, राज्य लोनिवि, डीआरडीओ, परिवहन मंत्रालय, होमगार्ड्स आदि रेस्क्यू में जुटे हुये हैं।