देहरादून। राज्य मंत्री पंचायतीराज भारत सरकार कपिल मोरेश्वर पाटिल आज देहरादून पंहुचें। राज्यमंत्री की अध्यक्षता में जनपद के एक स्थानीय होटल में राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ ग्राम पंचायतों को डिजिटीलाईजेशन कार्यों एवं ग्रामीण क्षेत्रों हेतु संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक हुई। मंत्री ने ग्राम पंचायतों के विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। राज्य मंत्री पंचायतीराज भारत सरकार ने कहा कि प्रधामंत्री का संकल्प है कि देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए गांव को विकसित किया जाना आवश्यक है। इसके लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास हेतु बनाई गई योजनाओं को समय पर क्रियान्वयन करना आवश्यक है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वराज योजना के तहत नव निर्वाचित प्रधानगणों, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत सदस्यों को पंचायतराज विभाग से प्रशिक्षण देने का प्रावधान इस योजना में किया गया है, ताकि गांव के विकास के लिए बनाई जा रही योजनाओं का सुनियोजित रूप क्रियान्वयन हो सके। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने एवं ग्राम पंचायतों के स्वर्णिम विकास के लिए कई जनकल्याणकरी योजनाओं के साथ ही पंचायत भवनों के निर्माण का भी प्रावधान किया है, जिस हेतु 20 लाख रू. की धनराशि ग्राम पंचायत को भवन निर्माण के लिए दी जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना में उत्तराखण्ड प्रदेश में अच्छा कार्य हुआ है तथा इसके अन्तर्गत सर्वे ऑफ इण्डिया द्वारा राजस्व विभाग के साथ मिलकर स्वामित्व कार्ड बनाए जा रहे है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों एवं किसानों के लिए अपने आप में बहुत बड़ी कल्याणकारी योजना है। स्वामित्व योजना से गरीबों को आच्छादित किया जा रहा है तथा स्वरोजगार के क्षेत्र में उन्हे 25 हजार रू. तक का ब्याजमुक्त ऋृण की सुविधा भी दी जा रही है, जिससे आत्मनिर्भर भारत बनाने का सपना आत्मसात् हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के समावेशी विकास के लिए प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता से 15 वें वित्त में 236 हजार करोड़ बजट का प्राविधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि देश की लगभग 02 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों द्वारा पीएफएमएस के माध्यम से डिजिटल रूप में भुगतान किया गया है, जो कि ग्राम पंचायतों के विकास के लिए एक क्रान्तिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि आत्मर्निभर भारत की परिकल्पना को साकार करने हेतु गावं का विकास होना आवश्यक है। लगभग 2 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों ने डिजिटीलाईजेशन का फायदा उठाकर अपने जीपीडीपी (ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान) आनलाईन अपलोड किये गये हैं। इसी तरह ब्लॉक एवं जिला स्तर पर भी बीपीडीपी, डीपीडीपी प्लान अपलोड किये गए है। यह सही मायनों में डिजीटल भारत की ओर ले जाने के लिए बेहतर कदम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उठाये गए है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य देवभूमि है यहां चारधाम यात्रा पर भारी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। साथ ही यहां पर्यटन की भी अपार संभावनाएं है, राज्य में पर्यटन को बढावा देने के लिए सुझाव दिए गए है।
बैठक में जिला पंचायतीराज अधिकारी विद्याधर सोमनाल, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत मनवर सिंह राणा सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।