देहरादून। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने हरीश रावत को उपवास कार्यक्रम के लिए आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें अपनी कांग्रेस सरकार में लिए जनविरोधी निर्णयों के लिए उपवास व पश्चाताप यज्ञ करना चाहिए।
कैथोला ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में 27 जनवरी 2014 में उत्तराखंड सड़क पार्श्व भूमि संशोधन अधिनियम पारित हुआ था तब हरीश रावत व ढोंगी कांग्रेसी नेताओं की जुबान क्यों नही खुली, न जाने तब उनकी अंतरात्मा कहाँ भृमण कर रही थी। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, जब उनकी पार्टी की सरकार ने यह जनविरोधी निर्णय लिया तो धरना एक्सपर्ट रावत ने न कोई धरना दिया और ना ही उपवास किया। इतना ही नही मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने कोई भी निर्णय इस अधिनियम को लेकर नही लिया। उन्होंने तंज किया कि आज सस्ती लोकप्रियता के लिए हल्की राजनीति का सहारा हरीश ले रहे है ।
कैंथोला ने खुली चुनौती देते हुए कहा, इस मुद्दे पर हरदा की नियत साफ और नैतिक साहस हो तो वो बताए उनके मुख्यमंत्रीतत्व काल मे गरीबों कल्याण, लायन ऑडर या अन्य कामों पर उन्होंने कौन से भलाई व गरीब उत्थान के कार्य किये गए। उन्होंने कहा, प्रदेश ने उनकी सरकार का वो दौर भी देखा है जिसमे राज्य में भय व भ्रष्टाचार चरम पर था । माफियाओं के हौसले इतने बुलंद थे कि जेल के बाहर फायरिंग हो जाती थी और रावत केवल अपने चाटुकारों के बीच मदमस्त बैठे रहते थे। लेकिन अफसोस अपने तमाम ऐसे कुकृत्यों को छुपाकर बड़ी बेशमर्मी से वे राजनैतिक नौटंकी कर रहे है। कैंथोला ने जोर देते हुए कहा, रावत में अगर थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें उत्तराखंड की जनता से माफी मांगनी चाहिए।