High Power Committee constituted for direct election of Kshetra Panchayat Head, District Panchayat President.
देहरादून। पंचायतों को सशक्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पंचायततीराज मंत्री सतपाल महाराज ने जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुख के प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने को लेकर हाई पावर कमेटी के गठन कर दिया है।

प्रदेश में पंचायतीराज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पंचायततीराज मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुख के प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने, उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 की नियमावली के गठन, संविधान की 11वीं अनुसूची में वर्णित 29 विषयों का हस्तांतरण और पंचायती राज एवं जिला पंचायत के अलग-अलग संवर्गों के मर्जर किए जाने से संबंधित प्रकरणों पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए सोमवार को हाई पावर कमेटी का गठन कर एक माह में अपनी रिपोर्ट अपने को कहा है।
एक माह में कमेटी शासन को सौंपेगी अपनी रिपोर्ट-
पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश पर सचिव पंचायती राज नितेश कुमार झा ने हाई पावर कमेटी का गठन करते हुए पंचायती राज निदेशक बंशीधर तिवारी को कमेटी का अध्यक्ष बनाया बनाने के साथ-साथ संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, उप निदेशक मनोज तिवारी, से.नि. अपर सचिव (वित्त सेवा) उत्तराखंड शासन पी. एस. खरे, से.नि. संयुक्त सचिव, विधायी विभाग, उत्तराखंड शासन/ वरिष्ठ अधिवक्ता डा. एन.के. पंत को कमेटी का सदस्य और संयुक्त सचिव, पंचायतीराज ओंकार सिंह को कमेटी का सदस्य सचिव बनाया गया है। उप समिति में ओंकार सिंह संयुक्त सचिव पंचायती राज विभाग उत्तराखंड शासक समन्वयक के रूप में नामित रहेंगे।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि सभी प्रकरणों के संबंध में समिति अपनी रिपोर्ट एक माह के भीतर शासन को उपलब्ध कराएगी और गैर विभागीय सदस्यों के पारिश्रमिक मानदेय के निर्धारण का प्रस्ताव निदेशक पंचायती राज द्वारा शासन को उपलब्ध कराया जाएगा।
ज्ञात हो कि इससे पूर्व पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश पर क्षेत्र पंचायत प्रमुखों को विकास खंड अधिकारी और जिला पंचायत अध्यक्षों को मुख्य विकास अधिकारी व अपर मुख्य अधिकारी की वार्षिक चरित्र प्रविष्टि में अंकन करने (ACR) का अधिकार भी दिया गया था। आज एक और बड़ा निर्णय लेते हुए पंचायती राज मंत्री श्री महाराज ने ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष रूप से कराने की संभावनाओं को देखते हुए एक हाई पावर कमेटी का भी गठन कर दिया है जो कि एक माह में इस विषय पर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देगी।