बैठक में मंत्री ने दिए वेतन विसंगति को दूर करने के निर्देश
देहरादून। उत्तराखण्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ की लम्बित मांगों के नियत समय पर निराकरण के साथ साथ वेतन विसंगतियों दूर किया जाए। विभिन्न विभागों में कार्यरत अभियंताओं को अनुरक्षण भत्ता व अन्य आवश्यक सुविधाएं अति शीघ्र मुहैया कराई जाएं, ताकि वह फील्ड में जाकर कार्यों का सुपरविजन कर सकें।
उक्त बात प्रदेश के लोक निर्माण,
सिंचाई, पर्यटन, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को यमुना कॉलोनी स्थित सिंचाई भवन में उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ उनकी लंबित मांगों के निराकरण के लिए आयोजित बैठक के दौरान अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कही। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के अंतर्गत डिप्लोमा धारी पात्र कार्मिकों को 3 पदों पदोन्नति का लाभ प्रदान किया जा रहा है।इसके अतिरिक्त एम.ए.सी.पी. से संबंधित शासनादेश के अनुसार कार्यवाही की जा रही है जिसमें 10, 20 व 30 वर्ष पर एम.ए.सी.पी स्वीकृत किए जाने का प्राविधान है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में कार्यरत डिप्लोमा इंजिनियर्स की लंबित समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि उनकी वेतन संबंधी विसंगतियों को दूर करने के साथ-साथ कनिष्ठ अभियंता और अपर सहायक अभियंता को अनुमन्य मोटर साइकिल, स्कूटर भत्ते की दरों का पुन निरीक्षण कर 2013 के शासनादेश पर अमल करते हुए 30 लीटर पेट्रोल या ₹5000 भत्ता प्रतिमाह दिए जाने के निर्णय का समाधान एक माह किया जाये। कनिष्ठ अभियंताओं को 10 वर्ष की सेवा के पश्चात सहायक अभियंता के ग्रेड वेतन 5400 दिए जाने की संभावनाओं का भी एक माह में परीक्षण करवा लिया जाए।
महाराज ने कहा कि प्रदेश के विकास का जो लक्ष्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तय किया है उसके लिए विभिन्न विभागों में कार्यरत समूह “ख” अभियंताओं व अन्य अभियंताओं को की मांगो का सकारात्मक ढंग से समाधान होना चाहिए।
बैठक में अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन घिल्डियाल, लोक निर्माण विभाग के अपर सचिव विनीत कुमार, सिंचाई विभाग के अपर सचिव एवं सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता जयपाल आदि अधिकारी मौजूद थे।